इक अजीब खाब देखा है ।
उनको नायाब देखा है ॥
बड़ी मुश्किल में हूँ ,
ये क्या जनाब देखा है ॥ ,
वहीँ छलके है फकत ,
उम्दा शराब देखा है ॥
मुझे भी मिलेगा
क्या,वो अजाब देखा है ॥
उनके जमाले रुख पे ,
कैसा आफताब देखा है ॥
अर्श डूब गया हूँ मगर,
ताब को ताब देखा है ॥
प्रकाश "अर्श"
१५/११/२००८
उनको नायाब देखा है ॥
बड़ी मुश्किल में हूँ ,
ये क्या जनाब देखा है ॥ ,
वहीँ छलके है फकत ,
उम्दा शराब देखा है ॥
मुझे भी मिलेगा
क्या,वो अजाब देखा है ॥
उनके जमाले रुख पे ,
कैसा आफताब देखा है ॥
अर्श डूब गया हूँ मगर,
ताब को ताब देखा है ॥
प्रकाश "अर्श"
१५/११/२००८
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आपका प्रोत्साहन प्रेरणाश्रोत की तरह है ... धन्यवाद ...