Saturday, November 15, 2008

उनको नायाब देखा है ....

इक अजीब खाब देखा है
उनको नायाब देखा है

बड़ी मुश्किल में हूँ ,
ये क्या जनाब देखा है ,

वहीँ छलके है फकत ,
उम्दा शराब देखा है

मुझे भी मिलेगा
क्या
,वो अजाब देखा है

उनके जमाले रुख पे ,
कैसा आफताब देखा है

अर्श डूब गया हूँ मगर,
ताब को ताब देखा है


प्रकाश "अर्श"
१५/११/२००८

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