Monday, November 10, 2008

ग़म, आंसू , दर्द .....

ग़म , आंसू , दर्द

यही सारे है

हमदर्द मेरे ।

मिले हैं मुफ्त तो

मुझको

सस्ती - सस्ती तन्हाई

मेरा खजाना तुम गर पूछो

बस उम्र- भर

की

बेवफाई




प्रकाश "अर्श "
१०/११/२००८

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