Saturday, August 23, 2008

तुम जो कर रहे थे अभी ......



तुम जो कर रहे थे अभी ,क्या वो काम बाकी है ।
हो गया बदनाम बहोत ,बस थोडी नाम बाकी है ॥

फुर्सत मिले तो फ़िर से इस तरफ़ चले आना ,
गर्दिश में हूँ,तलब है,आखिरी अंजाम बाकी है ॥

जो भी था पास मेरे वो बाँट दी ज़माने में ,
तुम भी आवो,ले जावो ,तुम्हारा इनाम बाकी है ॥

वो कौन था जिसने खोदी थी कब्र की मिट्टियाँ ,
उससे कहो ठहरे अभी ,बस थोडी काम बाकी है ॥

खुदा भी सोंच के गुम है ,ये किसका ज़नाजा है ,
जहाँ हसीनाएं शामिल है ,क्या वहां इंतकाम बाकी है ॥

मैं पी के लड़खाधाया भी नही और तुमने "अर्श"
कहदिया रिंद कोई और है ,ये उसका जाम बाकी है ॥

प्रकाश "अर्श"
२३/०८/२००८

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