मैं हूँ तू है, और है तन्हाईयां ।
दिल है धड़कन और अंगडाइयां ॥
मौसम भी है,कुछ दिल बेबस
दिल कहता है कर बेईमानीयाँ ॥
देखो तमाशा ना बन जाए कहीं
घर तक आए है तमाशाइयां ॥
तेरी आँखें तो है दोनों जहाँ
इस दो जहाँ पे है कुरबानीयाँ ॥
जुल्फ तेरे है यूँ घटावों जैसी
हुस्न से है तेरे रोशानाइयां ॥
तेरी नजाकत तेरी हया भी
कर देगा"अर्श"फ़िर रुस्वाइयां ॥
प्रकाश "अर्श"
२३/१२/२००८
Tuesday, December 23, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
आपका प्रोत्साहन प्रेरणाश्रोत की तरह है ... धन्यवाद ...